आम्रकूटात् स्खलन्ती कटौ भारतेकोटिलिङ्गं समर्च्य स्वकूलेषु या।शभ्भुपादाब्जरेणुं शिरोधारिणीपातु सा वः सदा शर्मदा नर्मदा॥1 जो भारत के कटिप्रदेश में अमरकंटक (आम्रकूट) से निकल, अपने तटों पर करोड़ों बाण लिंगों की अर्चना
आम्रकूटात् स्खलन्ती कटौ भारतेकोटिलिङ्गं समर्च्य स्वकूलेषु या।शभ्भुपादाब्जरेणुं शिरोधारिणीपातु सा वः सदा शर्मदा नर्मदा॥1 जो भारत के कटिप्रदेश में अमरकंटक (आम्रकूट) से निकल, अपने तटों पर करोड़ों बाण लिंगों की अर्चना